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हां तिरंगा, वहां तिरंगा, जहां-तहां तिरंगा। ये सब कर आप क्या सोच रहे हैं बड़े देश भक्त हैं? नहीं, आप ये करके तिरंगा प्रेमी नहीं, बल्कि तिरंगा के सम्मान नष्ट करने वालों में से बन गए हैं। मुझे पता है आपको मेरी बात समझ नहीं आ रही होगी और आपको लग रहा होगा क्या बकवास कर रहा हूं मैं। गुस्सा भी आ रहा होगा मुझपर। लेकिन यकीन जानिए जब आपको पता चलेगा की आप तिरंगे का अपमान कर रहे हैं तो मुझपर नहीं, बल्कि खुद पर गुस्सा आएगा।
क्योंकि भारतीय झंडा संहिता कहती है की 13 और 14 अगस्त के 48 घंटे और, 15 अगस्त के 12 घंटे मिलाकर कुल 60 घंटों तक आप अपने घरों पर सम्मान के साथ, फिर से सुन लीजिए सम्मान के साथ तिरंगे को फहरा सकते हैं। और 15 अगस्त को सूरज ढलने से पहले तिरंगे को फिर से सम्मान के साथ एक पूरी प्रक्रिया के तहत उतारकर साफ जगह पर रखना अनिवार्य है। इन तीन दिनों के अलावा आप रोजाना तिरंगे को फहरा सकते हैं लेकिन शर्त ये है की इसे सूर्योदय के बाद फहराना है और सूर्यास्त से पहले पूरे सम्मान और विधान के साथ रखने का सख्त आदेश है। लेकिन ये तो होगा नहीं आपसे! ऊपर से इसपर धूल पड़ रही है या मिट्टी, गंदा है या साफ आप देखते तक नहीं। और आपकी यही लापरवाही आपको बनाती है तिरंगाद्रोही और आपको करवा सकती है तीन साल की जेल। जी सही सुना आपने तीन साल की जेल। कुछ लोग जिनमें ज्यादातर तादाद टेंपू चालकों की है वे अपनी गाड़ियों पर तिरंगा लगा खुदको राष्ट्रपति समझते हैं और समझाने पर उलझने को उतारू हो जाते हैं। ऐसे सभी व्यक्तियों की जानकारी के लिए बता दूं की, भारतीय झंडा संहिता में साफ-साफ लिखा है की तिरंगे को बस राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उनके सभी मंत्री, मुख्य न्यायाधीश, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनकी पूरी केबिनेट, जिनको “विशेषाधिकार” गौर से सुन लीजिए “विशेषाधिकार” प्राप्त है अपनी गाड़ियों पर तिरंगे को प्रदर्शित करने का। इनके अलावा कोई भी अपने वाहनों पर तिरंगे का प्रदर्शन करता है तो उनपर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। वैसे इनके अलावा और भी गणमान्यों को ये विशेषाधिकार प्राप्त है जिनकी पूरी लिस्ट हम डिस्क्रिप्शन में डाल देंगे।
वैसे यहां ये कहना बिलकुल न्यायसंगत नहीं होगा की सिर्फ आम नागरिक ही इस तरह तिरंगे का अपना देख और कर रहे हैं। अभी कुछ दिनों पहले जब हम सासाराम में थे, वहां, रेलवे स्टेशन परिसर में लगे टावर के गेट के ऊपर लगा तिरंगा और उसी परिसर के टैक्सी स्टैंड के पास लगे झंडे की इस तरह से उपेक्षा की जा रही है जैसे वो अपना है ही नहीं। प्रतिदिन हजारों सरकारी कर्मचारी और अधिकारी यहां से गुजरते होंगे। हजारों तथाकथित कानून के रखवाले और आम आदमी पर रौब झड़ने वाली पुलिस का आना-जाना होगा लेकिन लगता है सभी की आखों में मोतियाबिंद हो गया है। एक बार नहीं बल्कि दसियों बार से ज्यादा भारत सरकार का गृह मंत्रालय सख्त आदेश जारी कर चुका है की तिरंगे के सम्मान के लिए जागरूकता अभियान चलाएं ताकि लोगों में जागरूकता आए और वे जाने-अनजाने तिरंगे का अपमान ना करें। उसी आदेश में ये भी साफ-साफ लिखा है की, आम नागरिकों के साथ-साथ सरकारी मुलाजिमों में भी राष्ट्रीय ध्वज के प्रति निरादर देखा गया है। लेकिन मजाल है जो इन अधिकारियों के कानों पे जूं रेंग जाए!
अंत में इस वीडियो के माध्यम से हम आपसे गुजारिश करना चाहते हैं की तिरंगे की शान में कमी, भारत के शान में कमी के बराबर है। और मुझे पता है की आप इस देश से बहुत प्यार करते हैं और उतना ही प्यार आपको तिरंगे से भी है लेकिन जागरूकता के अभाव में गलतियां हो जाती हैं। लेकिन अब जब आपको इस वीडियो के माध्यम से जानकारी मिल चुकी है तो आप भी अपने घर की छत और दरवाज़े पर लगे तिरंगे को उतारेंगे और उसे उसका गौरव वापस करेंगे। याद रखिए, तिरंगा हमारे घर-दुकानों, गाड़ियों की शोभा बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि तिरंगा राष्ट्रीय शोभा की निशानी है। इसलिए इस वीडियो को अपने उन दोस्तों तक भी पहुंचाएं जिनके घर, दुकान, गाड़ियों पर तिरंगे का अपमान हो रहा है।
ताकि हम गर्व से कह सकें, “जय हिंद! जय भारत!”
बाकी इस विषय पर ध्यानाकर्षण के लिए हमारी टीम एक लेटर गृह मंत्रालय भारत सरकार, गृह मंत्रालय बिहार सरकार और पुलिस आयुक्त बिहार को भेज रही है ताकि जो इतनी महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के बाद भी तिरंगे का अपमान कर रहे हैं उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाई हो सके।
धन्यवाद
जय हिन्द, जय जन आक्रोश!!